सम्पूर्ण चार धाम यात्रा 2024

10 Days

◆ भारत में उत्तराखंड चार धाम की भी बहुत मान्यता है। यह तीर्थ स्थान समस्त सनातनियों के लिए आस्था, भक्ति, विश्वास और अपनी जड़ों से जुड़े रहने का प्रतीक है।
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1) बद्रीनाथ धाम (भू’बेकुंठ) :- भगवान बद्रीनाथ / बद्रीनारायण / बद्रीविशाल श्री हरि विष्णु को समर्पित मंदिर है।

2) केदारनाथ धाम :-
(प्रथम ज्योतिर्लिंग):- भगवान केदारनाथ/केदारेश्वर/बाबा केदार/केदारखंड देवों के देव महादेव को समर्पित मंदिर है।

3) गंगोत्री धाम :- पतितपावनी, जीवनदायिनी, सनातनी जिन्हें माँ कहते है, जो हम मनुष्यों के पापों को धोने के लिए स्वर्ग से पृथ्वी पर आईं, मोक्षदायिनी माँ गंगा को समर्पित मंदिर है।

4) यमनोत्री धाम :-
माँ यमुना जिन्हें यमजा भी कहा जाता है,क्योंकि वे यमराज की बहन हैं, वे शनिदेव की बहन भी हैं, यमुना, जिन्हें गीता उपदेशक विश्वदेव भगवान श्रीकृष्ण भी यमुना मैया कहकर सम्बोधित करते हैं, यहाँ माँ यमुना को समर्पित
मंदिर है।

◆ इन चार धाम मंदिरों के उच्च हिमालयी क्षेत्र में होने के कारण इन मंदिरों के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। गर्मियों के छह महीने (लगभग मई से नवंबर) के दौरान मंदिरों के दरवाजे दर्शनार्थ हेतु भक्तों के लिए खोले जाते हैं।

Overview

केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमनोत्री + 51 तीर्थ व दर्शनीय स्थल
◆ क्षेत्र :- गढ़वाल मंडल, उत्तराखंड
◆ उच्चतम ऊँचाई :- 3583 मीटर (केदारनाथ)
◆ हरिद्वार (रेलवे स्टेशन ) से हरिद्वार (रेलवे स्टेशन)
◆ तय दिन :- 9 रात – 10 दिन
◆ रात्रि विश्राम :- होटल/कॉटेज (केदारनाथ डोरमेट्रि)
◆ भोजन व्यवस्था :- नाश्ता और रात का खाना
◆ परिवहन व्यवस्था :- टेम्पो ट्रेवलर्स 15/17/25 सीटर

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◆ देवभूमि उत्तराखंड चार धाम यात्रा परिचय :-
सनातन धर्म के चार धाम (देवस्थान, देव निवास) भारत के चारों कोनों पर स्थित हैं। हिन्दू धर्म के चार धाम हैं।
* 1) बद्रीनाथ (उत्तराखंड)
* 2)द्वारका (गुजरात)
* 3)जगन्नाथ पुरी (उड़ीसा)
* 4)रामेश्वरम (तमिलनाडु)
इसी प्रकार भारत के हिमालयी क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य में चार धाम हैं। इन्हें छोटा चार धाम/चार धाम उत्तराखंड के नाम से भी जाना जाता है।
* 1) बद्रीनाथ (चमोली)
* 2)केदारनाथ (रुद्रप्रयाग)
* 3)गंगोत्री (उत्तरकाशी)
* 4) यमनोत्री (उत्तरकाशी)

Itinerary

◆ दर्शनीय स्थल :- हनुमानचट्टी, खरसाली यमुना मंदिर (देवी यमुना का शीतकालीन मंदिर), शनि मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर
◆रात्रि विश्राम :- खरसाली (होटल)
◆ भोजन व्यवस्था :- खरसाली होटल में रात का खाना

◆ यमुनोत्री धाम }
यमनोत्री देवी यमुना का निवास स्थान है, और 10 दिवसीय चारधाम यात्रा में पहला धाम भी है। यह गढ़वाल हिमालय में 3,293 मीटर (10,804 फीट) की ऊंचाई पर और उत्तरकाशी से लगभग 129 किमी उत्तर में स्थित है, जो भारत के उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में उत्तरकाशी जिले का मुख्यालय है। यमनोत्री यमुना नदी के तट पर स्थित है। यमुना जी का उद्गम यमनोत्री धाम से 14 किमी ऊपर सप्तऋषि कुंड (4,421 मीटर) है। यह भारत के छोटा चार धाम तीर्थयात्रा के चार स्थलों में से एक है l यमुनोत्री धाम गढ़वाल हिमालय में बना सबसे पश्चिमी में स्थित मंदिर है, जो बंदरपूंछ पर्वत श्रृंखला के किनारे के नीचे स्थित है। यमुनोत्री में मुख्य आकर्षण देवी यमुना को समर्पित मंदिर और पवित्र गर्म पानी के झरने हैं।
◆ दर्शनीय स्थल :- भैरवनाथ, सूर्यकुंड, गरूर गंगा, दिव्यशिला, गरम कुंड
◆ रात्रि विश्राम: खरसाली (होटल)
◆ भोजन व्यवस्था :- सुबह का नाश्ता, रात का खाना

खरसाली से उत्तरकाशी (129 किमी ड्राइव - 4:30 घंटे लगभग)
◆ दर्शनीय स्थल :- प्रकाशेश्वर महादेव गुफा, उत्तरकाशी विश्वनाथ, मणिकर्णिकाघाट
◆ रात्रि विश्राम: उत्तरकाशी (होटल)
◆ भोजन व्यवस्था :- सुबह का नाश्ता, रात का खाना

◆ गंगोत्री धाम }
भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में एक शहर और एक नगर पंचायत (नगर पालिका) है,और 10 दिवसीय चारधाम यात्रा में दूसरा धाम है। यह भागीरथी नदी के तट पर स्थित एक हिंदू तीर्थ शहर है। और पतितपावनी मां गंगा जी का मंदिर है..यह 3,100 मीटर (10,200 फीट) की ऊंचाई पर ग्रेटर हिमालय रेंज पर है। भागीरथी नदी (मां गंगा) का स्रोत गोमुख (4,023 मीटर) है, जो गंगोत्री से 18 किमी ऊपर है। लोकप्रिय हिंदू किंवदंती के अनुसार, देवी गंगा माता यहां तब अवतरित हुईं जब भगवान शिव ने स्वर्ग से उतरी शक्तिशाली नदी गंगा को अपनी जटाओं से बांध लिया। गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाने के लिए राजा भगीरथ ने तपस्या की थी, जिससे उनके पूर्वजों को मोक्ष मिल सके। इसीलिए माँ गंगा का एक नाम भागीरथी पड़ा l राजा भगीरथ की तपस्थली, आज भी भागीरथ शिला के रूप में यहाँ विद्यमान है।
◆ दर्शनीय स्थल :- अस्सी गंगा घाट, कल्पकेदार, सूर्यकुंड, भागीरथ शिला, पांडव गुफा
◆ रात्रि विश्राम: उत्तरकाशी (होटल)
◆भोजन व्यवस्था :- सुबह का नाश्ता, रात का खाना

◆ दर्शनीय स्थल :- गुप्तकाशी विश्वनाथ, अर्धनारीश्वर, अगस्त्य ऋषि मंदिर,गंगा-यमुना धारा
◆ रात्रि विश्राम :- सीतापुर (कॉटेज)
◆ भोजन व्यवस्था :- सुबह का नाश्ता, रात का खाना

◆ केदारनाथ धाम }
केदारनाथ मंदिर, एक हिंदू मंदिर है,जो भगवान शिव को समर्पित है, और पवित्र, जागृत द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचा,और चारधामों में तीसरा धाम है। केदारनाथ मंदिर, 3,583 मीटर की ऊंचाई पर, भारत के उत्तराखंड में केदारखंड में मंदाकिनी नदी के पास गढ़वाल हिमालय श्रृंखला पर स्थित है। सर्द मौसम की स्थिति के कारण, मंदिर केवल अप्रैल के अंत (अक्षय तृतीया) से कार्तिक पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा, आमतौर पर नवंबर) तक खुला रहता है। सर्दियों के दौरान, केदारनाथ मंदिर से विग्रहों (देवताओं) को उखीमठ (ओंकारेश्वर मंदिर) में लाया जाता है, और छह महीने तक वहां उनकी पूजा की जाती है। भगवान शिव को 'केदार-खंड के स्वामी', आदि अनंत देवता, केदारनाथ के रूप में पूजा जाता है।
◆ दर्शनीय स्थल :- सोनप्रयाग संगम (वासुकगंगा + मंदाकिनी),गौरीकुंड, माँ गौरी मंदिर,भीमबली, ईशानेश्वर महादेव मंदिर,केदार घाटी रक्षक भैरवनाथ मंदिर
◆ रात्रि विश्राम: केदारनाथ (डोरमेट्रि)
◆ भोजन व्यवस्था :- सुबह का नाश्ता, रात का खाना

◆ दर्शनीय स्थल :- केदारनाथ, भैरवनाथ, शंकराचार्य समाधि, रेतस कुंड, उदक कुंड, अमृत कुंड, हंस कुंड
◆ रात्रि विश्राम :- सीतापुर (कॉटेज)
◆ भोजन व्यवस्था :- सुबह का नाश्ता, रात का खाना

◆ दर्शनीय स्थल :- कुंड बांध, रुद्रप्रयाग , कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, वृद्ध बद्री, जोशीमठ, ज्योतिर्मठ, नरसिंह मंदिर
◆ रात्रि विश्राम : - जोशीमठ (होटल)
◆ भोजन व्यवस्था :- सुबह का नाश्ता, रात का खाना

◆ बद्रीनाथ धाम }
एक पवित्र हिमालयी शहर, अलकापुरी में भगवान जगतपालनहार भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर है, और चार धाम में चतुर्थ धाम, मंदिर है, बद्रीनाथ चमोली जिले में एक नगर पंचायत है l बद्रीनाथ भारत के चमोली जिला उत्तराखंड राज्य 10,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।यह भारत के चार धाम में से सबसे महत्वपूर्ण है। यहां एक पवित्र गर्म जल का कुंड है। जिसे तप्त कुंड कहा जाता है l यहाँ स्नान करना बहुत पवित्र माना जाता है।
◆ नारद कुंड : तप्त कुंड के पास नदी में एक खाई है, जहां से बद्रीनाथ की शालिग्राम पाषाण मूर्ति को देवऋषि नारद जी ने निकालकर मंदिर की गर्भ गुफा में स्थापित किया था।
◆ माता मूर्ति मंदिर : श्री बद्रीनाथजी की माता को समर्पित। अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों में शेषनेत्र मंदिर, उर्वशी मंदिर और चरणपादुका शामिल हैं।
◆ माना गांव : भारतीय सीमांत जनजाति द्वारा बसाया हुआ यह गाँव भारत से पहला और तिब्बत आखिरी भारतीय गाँव है।
◆ भीम पुल: माणा गांव के दूसरी ओर, एक विशाल चट्टान जो प्राकृतिक पुल बनाती है, सरस्वती नदी पर बहती है। यह चट्टान के नीचे संकीर्ण मार्ग से बहते पानी का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है और माना जाता है कि इसे पांच पांडव में दूसरे सबसे बड़े भीम ने यहाँ रखा था। ताकि पांडवों के लिए स्वर्गारोहिणी यात्रा मार्ग बन सके।
◆ सरस्वती माता मंदिर : ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का मंदिर यहां भीम पुल के पास स्थित है। यहां सरस्वती जी के दर्शन होते हैं, फिर 200 मीटर बाद सतोपंथ झील से निकली अलकनंदा जी में लुप्त हो जाती हैं, इस संगम को केशव प्रयाग कहा जाता है।
◆ व्यास गुफा (गुफा): माणा गांव के पास, यह एक चट्टानी गुफा है जहां माना जाता है कि वेद व्यास ने महाभारत और अन्य पौराणिक कहानियों की रचना की थी।
◆ गणेश गुफा : ऐसा माना जाता है कि यहीं पर भगवान गणेश ने सबसे पहले व्यास जी को महाभारत सुनाई थी। जिसके निकट महर्षि व्यास जी ने महाभारत की रचना की थी।
◆ दर्शनीय स्थल :- तप्तकुंड,पाण्डुकेश्वर,योगध्यान बद्री, हनुमानचट्टी, कुबेर मंदिर, क्षेत्रपाल घंटाकर्ण मंदिर, माणा गांव, सरस्वती मंदिर, व्यास गुफा, भीम पुल, गणेश गुफा, व्यास पोथी, विष्णुप्रयाग संगम (धौली गंगा+अलकनंदा), केशवप्रयाग (सरस्वती+ अलकनंदा) )
◆ रात्रि विश्राम :- जोशीमठ (होटल)
◆ भोजन व्यवस्था :- सुबह का नाश्ता, रात का खाना

◆ भोजन व्यवस्था :- सुबह का नाश्ता
◆ दर्शनीय स्थल :- नंदप्रयाग संगम (नंदाकिनी+अलकनंदा), कर्णप्रयाग संगम (पिंडर+अलकनंदा), रुद्रप्रयाग संगम (मंदाकिनी+अलकनंदा), देवप्रयाग संगम (भागीरथी+अलकनंदा)*
धारी देवी मंदिर
आज हम 9 रातें 10 दिन की सम्पूर्ण चार धाम यात्रा करके हरिद्वार पहुँच जायेंगे, और चार धाम यात्रा का शुभ समापन हो जायेगा l

यात्रा व्यय शामिल है

  • 1) रात्रि विश्राम :- 3 या 4 शेयरिंग बेड रूम होटल/कॉटेज/8 रातें, केदारनाथ में डोरमेट्रि 1रात
  • 2) भोजन व्यवस्था :- सभी शाकाहारी भोजन (नाश्ता और रात का खाना)
  • 3 ) 45 से 50 मंदिरों और दर्शनीय स्थलों का भ्रमण
  • 4) परिवहन व्यवस्था :- टेम्पो ट्रेवलर 15/17/25 सीटर (हरिद्वार रेलवे स्टेशन पिकअप और ड्रॉप)
  • 5) सभी कर और ड्राइवर भत्ते

यात्रा व्यय लागत शामिल नहीं है

  • 1) यात्रा या ट्रेक के दौरान दोपहर का भोजन
  • 2) व्यक्तिगत खर्च और किसी अन्य स्थान का किराया जो यात्रा कार्यक्रम में उल्लेखित नहीं है l
  • 3) खच्चर, कुली, हेलीकाप्टर और डोली
  • 4) किसी भी प्रकार चिकित्सा व्यव
  • 5) किसी भी प्रकार का बीमा
  • 6) कोई अन्य बात जो यात्रा कार्यक्रम और विवरण में उल्लिखित न हो l

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सम्पूर्ण चार धाम यात्रा 2024