Overview
◆ हरिद्वार से हरिद्वार
◆ यात्रा अवधि : 4 रातें – 5 दिन
◆ कुल ट्रेक दूरी : 48 km दोनों ओर से
◆ ट्रेक श्रेणी : मध्यम से कठिन स्तर
◆ अधिकतम ऊँचाई : 14,200 फीट
◆ क्षेत्र : केदारखंड, गढ़वाल मंडल
◆ रात्रि विश्राम : 2 रात सीतापुर (कोटेज), 2 रात केदारनाथ (डोरमेट्रि )
◆ भोजन व्यवस्था : सुबह का नाश्ता, रात का खाना (वासुकीताल पैक लंच )
◆ वाहन व्यवस्था : 12/14/17/26 सीटर टेम्पो ट्रेवलर्स
यात्रा परिचय :-
* 1) केदारनाथ धाम :
केदारनाथ भगवान शिव को समर्पित मंदिर है l और उत्तराखंड के पवित्र चार धामों में से एक धाम है l केदारनाथ शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग है, और सभी ज्योतिर्लिंग से सबसे ऊँचाई पर स्थित है l केदारनाथ को जागृत ज्योतिर्लिंग भी माना जाता है l केदारनाथ मंदिर मन्दाकिनी नदी के तट पर बना, विशाल व भव्य मंदिर है l यह मंदिर समुन्द्र तल से 3,580 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है l केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडवो ने करवाया था l 400 वर्ष बर्फ में दबे रहने के बाद, आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा केदारनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया l केदारनाथ शिवलिंग त्रिकोणाकार व विशाल है l उच्च हिमालय में होने के कारण केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के छह माह बंद रहते है l गर्मियों के छह माह केदारनाथ मंदिर के कपाट दर्शनार्थ खुले रहते है l
* 2) वासुकिताल :
वासुकीताल उच्च हिमालय में स्थित सुन्दर,साफ, स्वच्छ मीठे पानी की झील है l वासुकीताल केदारनाथ से 8 km ट्रेक करने के बाद पहुँचते है l यह ट्रेक कठिन श्रेणी का ट्रेक है l और एक दिन में ही केदारनाथ से जाकर केदारनाथ आना होता है l वासुकिताल समुन्द्र तल से 14,200 फिट पर स्थित है l वासुकिताल,पूजनीय वासुकी नाग का निवास स्थान माना जाता है l वासुकीनाग ऋषि कश्यप जी के पुत्र है l वासुकीनाग को ही मंद्राचल पर्वत पर लपेटकर देव – दानव ने समुन्द्रमंथन किया था l वासुकिताल में ब्रह्मकमल बहुतायत में पाये जाते है l वासुकीताल पहुँचकर आत्म शांति व अदभुत अनुभूति प्राप्त होती है l प्राकृतिक रूप से वासुकीताल में हिमालय अपने पूर्ण वैभव व राजसी रूप से आपको मंत्रमुग्ध कर देता है l