◆ भारत में उत्तराखंड चार धाम की भी बहुत मान्यता है। यह तीर्थ स्थान समस्त सनातनियों के लिए आस्था, भक्ति, विश्वास और अपनी जड़ों से जुड़े रहने का प्रतीक है।
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1) बद्रीनाथ धाम (भू’बेकुंठ) :- भगवान बद्रीनाथ / बद्रीनारायण / बद्रीविशाल श्री हरि विष्णु को समर्पित मंदिर है।
2) केदारनाथ धाम :-
(प्रथम ज्योतिर्लिंग):- भगवान केदारनाथ/केदारेश्वर/बाबा केदार/केदारखंड देवों के देव महादेव को समर्पित मंदिर है।
3) गंगोत्री धाम :- पतितपावनी, जीवनदायिनी, सनातनी जिन्हें माँ कहते है, जो हम मनुष्यों के पापों को धोने के लिए स्वर्ग से पृथ्वी पर आईं, मोक्षदायिनी माँ गंगा को समर्पित मंदिर है।
4) यमनोत्री धाम :-
माँ यमुना जिन्हें यमजा भी कहा जाता है,क्योंकि वे यमराज की बहन हैं, वे शनिदेव की बहन भी हैं, यमुना, जिन्हें गीता उपदेशक विश्वदेव भगवान श्रीकृष्ण भी यमुना मैया कहकर सम्बोधित करते हैं, यहाँ माँ यमुना को समर्पित
मंदिर है।
◆ इन चार धाम मंदिरों के उच्च हिमालयी क्षेत्र में होने के कारण इन मंदिरों के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। गर्मियों के छह महीने (लगभग मई से नवंबर) के दौरान मंदिरों के दरवाजे दर्शनार्थ हेतु भक्तों के लिए खोले जाते हैं।
Overview
केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमनोत्री + 51 तीर्थ व दर्शनीय स्थल
◆ क्षेत्र :- गढ़वाल मंडल, उत्तराखंड
◆ उच्चतम ऊँचाई :- 3583 मीटर (केदारनाथ)
◆ हरिद्वार (रेलवे स्टेशन ) से हरिद्वार (रेलवे स्टेशन)
◆ तय दिन :- 9 रात – 10 दिन
◆ रात्रि विश्राम :- होटल/कॉटेज (केदारनाथ डोरमेट्रि)
◆ भोजन व्यवस्था :- नाश्ता और रात का खाना
◆ परिवहन व्यवस्था :- टेम्पो ट्रेवलर्स 15/17/25 सीटर
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◆ देवभूमि उत्तराखंड चार धाम यात्रा परिचय :-
सनातन धर्म के चार धाम (देवस्थान, देव निवास) भारत के चारों कोनों पर स्थित हैं। हिन्दू धर्म के चार धाम हैं।
* 1) बद्रीनाथ (उत्तराखंड)
* 2)द्वारका (गुजरात)
* 3)जगन्नाथ पुरी (उड़ीसा)
* 4)रामेश्वरम (तमिलनाडु)
इसी प्रकार भारत के हिमालयी क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य में चार धाम हैं। इन्हें छोटा चार धाम/चार धाम उत्तराखंड के नाम से भी जाना जाता है।
* 1) बद्रीनाथ (चमोली)
* 2)केदारनाथ (रुद्रप्रयाग)
* 3)गंगोत्री (उत्तरकाशी)
* 4) यमनोत्री (उत्तरकाशी)